नदी में बहने से एक युवक की मौत दो ने बचाई अपनी जान

ब्रेकिंग न्यूज़ नदी में बहने से एक युवक की मौत दो ने बचाई अपनी जान

दवा खरीदकर लौटते 3 ग्रामीण काजल नदी में बहे, 1 की मौत, 2 तैरकर निकले

ब्लॉक मुख्यालय से 10 गांव का संपर्क टूटा, नगरी ब्लॉक के जबर्रा गांव जा रहे थे तीनों

जिले में खंड वर्षा की स्थिति बनी हुई है। नगरी ब्लॉक में पिछले एक सप्ताह से जिसके चलते रुक-रुककर

बारिश हो रही है, जो वनांचल क्षेत्रों के ग्रामीणों के लिए मुश्किलें खड़ी कर रही है। यहां कई नदियों पर अब तक पुल-पुलिया का निर्माण नहीं होने के कारण स्थानीय लोगों को जान जोखिम में डालकर उफनती नदियों को पार करना.पड़ता है। रविवार को जबर्रा गांव के 3 ग्रामीण मनिहार लाल मरकाम (34), सुकलाल नेताम (35) और राजकुमार (35), गरियाबंद के रावणडिग्गी गए थे। शाम करीब 5.30 बजे घर लौटते समय गांव से आधा किलोमीटर दूर काजल नदी पार करते समय अचानक नदी में पानी का तेज बहाव आ गया, जिसके कारण तीनों बहने लगे। सुकलाल और राजकुमार किसी तरह नदी में तैरते हुए करीब 200 मीटर दूर जाकर सुरक्षित बाहर निकलने में सफल रहे, लेकिन नदी के तेज बहाव में मनिहार लाल नदी के लहरों में बहा कर आगे निकल गए इस घटना की जानकारी जैसे ही परिजनों और गांव वालों को जानकारी मिली तुरंत खोजबीन शुरू की, रात 2 बजे तक लाइट और टॉर्च की मदद से खोज भी की जा रही थी मगर मनिहार का कोई पता नहीं चल सका। सोमवार को घटना स्थल के आसपास दोबारा तलाश की गई। करीब 1 किमी दूर नदी किनारे मनिहार का शव बरामद हुआ। नदी में पानी के उफान के कारण सोमवार को भी नगरी ब्लॉक मुख्यालय से जबर्रा सहित लगभग 10 गांवों का संपर्क टूट गया, क्योंकि नदी में पानी का बहाव अधिक था। घटना के बाद दुगली पुलिस मौके पर पहुंचकर कानूनी कार्रवाई पूरी की।

दुगली थाना प्रभारी शरद ताम्रकार ने बताया कि जबर्रा के 3 ग्रामीण रावणडिग्गी से अपने घर लौट रहे थे। रास्ते में काजल नदी पार करते समय मनिहार लाल नाम का एक युवक बह गया। घटना की जानकारी पुलिस को अगले दिन, सोमवार सुबह करीब 8 बजे मिली। पुलिस टीम मौके पर पहुंची। खोजबीन शुरू की। तलाश के दौरान युवक का शव नदी किनारे पाया गया। पीएम कराने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया।


सुकलाल नेताम ने बताया हम तीनों जबर्रा गांव के रहने वाले हैं। मेरे साथ मनिहार लाल मरकाम और राजकुमार, तीनों एक ही बाइक पर सवार होकर गरियाबंद जिले के रावणडिग्गी गए थे। वहां से हमने मेडिकल स्टोर से आयुर्वेदिक दवाइयां खरीदी और फिर घर लौटने के लिए निकले। रास्ते में काजल नदी पड़ती है, जो हमारे गांव से लगभग आधा किलोमीटर की दूरी पर बहती है। शाम करीब 5.30 बजे का समय था। नदी में उस समय करीब ढाई से 3 फीट तक पानी था। हमने बाइक सड़क किनारे खड़ी कर दी और फिर हाथ पकड़कर नदी पार करने लगे। जैसे के बीच में पहुंचे पानी का बहाव तेज हुआ और तीनों बह गए अचानक पानी का बहाव

शुरू हो गया। बहाव इतना तेज था कि हम एक-दूसरे को संभाल नहीं सके और तीनों बह गए। लगभग 200 मीटर तक पानी में बहने के बाद, मैं और राजकुमार किसी तरह नदी के किनारे पहुंचने पर सफल हो गए, लेकिन मनिहार लाल का कोई पता नहीं चला। ग्रामीणों के साथ उसे ढूंढ़ते रहे। जिस स्थान पर हम डूबे थे, उससे लगभग 1 किलोमीटर दूर नदी किनारे मनिहार का शव औंधे मुंह पड़ा मिला। उसकी मृत्यु हो चुकी थी।


.ग्रामीणों के लिए बड़ी समस्या बन गई है। बारिश के 4 महीनों के दौरान नदी के उफान पर होने से नगदी ब्लॉक मुख्यालय से जुड़े 10 गांवों का संपर्क पूरी तरह से टूट जाता है। ये गांव जबर्य, मारागांव, खरखा, रतावाडीही, मुनईकरा, देवगांव, भोभलाबाहय, बोईरगांव और सईभदर हैं। ग्रामीण बताते हैं कि नगरी से जबरा तक की दूरी 18 किमी है, जिसमें से 11 किमी पक्की सड़क है, जबकि बाकी 7 किमी में सड़क नहीं है, और इसी हिस्से में काजल नदी भी आती है। इस नदी पर पुल निर्माण की मांग यहां के ग्रामीण कई वर्षों से कर रहे हैं। मगर शासन प्रशासन में बैठे लोग इस तरफ ध्यान नहीं देते हैं जिसका खामियाजा हम लोगों को अपनी जान देकर चुकानी पड़ रही है आज देश को आजाद हुए कई वर्षों हो गया मगर हमारे क्षेत्र की समस्या जस के तस नजर आता है चुनाव के समय क्षेत्र के जनप्रतिनिधि गांव में आते हैं वोट मांगने के लिए और बड़े-बड़े आश्वासन देकर चले जाते हैं अब इस व्यक्ति की मौत का जवाब देही कौन

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